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किडनैपर को अकेला निहत्था देखकर गोली मारने का काम पुलिस सोच भी नही सकती,क्योंकि किसी के जन पर कोई खतरा नही था।अलग करने के और बहाने थे जैसे जेल।बाद में आता और अंत सुखांत होता।वहीं जेल के दरवाजे से फ़िल्म शुरू करते।