महाभारत की कहानी मे कथा के पात्र मौलिक तो हैं किन्तु तत्थों के साथ छेडछाड से अलोकिक बनाकर आस्था से जोडकर ऐसा रच दिया है।जिससे पात्रों का चरित्र असहज स्पष्ट नजर आता है।फिर भी इस ग्रँथ की आँशिक सत्यता से इनकार नहीं किया जा सकता है।समय काल मे बिरोधाभास है।