आधुनिक भारत के *निराला*..तिवारी जी ने जिस सुंदरता से गांव, उसकी राजनीति, पारस्परिक संबंध, समाज, हिंदू धर्म की प्रासंगिकता, लव जिहाद, एक लड़की का संघर्ष, एक मां - बाप की पीड़ा, सामाजिक भेदभाव और भारतीय लोकतंत्र को अपनी लेखनी से जीवंत किया है..*श्रीमुख* जी को हृदय के सुदूर कोनो से आभार, बधाई...आप एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं लिखने को..और मेरे जैसे उभरते लेखक को..जो गांव से प्रेम करता है पर कुछ चाहते हुए भी कुछ नहीं कर पा रहा है।। जय हो। कामना है कि यह पुस्तक नए कीर्तिमान स्थापित करे।