मैं बहुत ज्यादा movies नहीं देखता।पर अपने आप को इस बेहतरीन movie को देखने से नहीं रोक पाया।निराशा में आशा की किरण।इसे देख कर ऐसा नहीं लगता कि सुशांत जैसा एक बेहतरीन और प्रतिभाशाली कलाकार अपने जीवन को ऐसे ही समाप्त कर सकता है।अगर इस मूवी को बड़े पर्दे पर देखने के लिये हज़ारों रुपये भी खर्च करने पड़ते तो भी मानता हूँ कि आत्मिक संतुष्टि मिलती।One of the best and naturally acted movies by all the stars.