आज के दिन हर राजतेना को सत्ता की जरूरत होती है और् सत्ता प्राप्त होने के बाद किसी को जनता जनार्दन की समस्याओं से कोई मतलब नही होता है जनता को किस तरह की जरूरत है इस से कोई मतलब नही है बस 5 साल बीतने के बाद जनता याद आती है उसको भी ये राजनेता समाज के नाम से धर्म जातियों हिन्दु मुस्लिमों के कटगारो मे खड़े कर्. देते है जमाना जागरूक् है उन्को उसकी जरूरतों के हिसाब से पुरा करना राज्य सरकार और केंद्र सरकार का कर्त्यव बनता है
आदि आबादी आज भी पानी की तलास मे इदर उदर भटकती है ये सरकार आजादी के बाद से लेकर अब तक एक पानी की सस्याओ को हल नही कर सके ये तोह तब हॉल है जब केंद्र मे जल विभाग का मंत्रिमंडल है गाव मे आज भी वह हॉल है जैसे के तैसे हॉल है