बेटियों को पुरुष शासित क्षेत्रो मैं अपना परिचय स्थापित करने मैं कितने प्रयास करना पड़ते है, इसे श्रीदेवी की बेटी "जान्हवी" ने अपने अभिनय से साकार कर दिया। एक बहुत ही उम्दा किरदार निभा कर जान्हवी कपूर ने साबित कर दिया कि अभिनय उनके खून मे है।
बेटी के सपनो को पालते हुए उस सपने को बढ़ा करने वाले पिता की भूमिका मे पंकज त्रिपाठी के अभिनय और उनके ठहरे हुए शांत संवादों ने इस फ़िल्म को बैठ कर देखने पर मजबूर कर दिया। पंकज त्रिपाठी और जान्हवी कपूर ने बाप-बेटी की केमिस्ट्री में जान डाल दी।
लोकेशन बहुत सुंदर ली गयी। अंगद बेदी, मानव विज, विनीत कुमार ने भी अपने किरदार को जिया है।
आज स्वतंत्रता दिवस के दिन परिवार के साथ ये फ़िल्म देखना सार्थक हो गया।