नफ़रत सी हो गई थी मोहब्बत से
और फिर तुम आयी,ऐसा लगा
जैसे सूखे जमीन को बादलों का सहारा मिल गया हो
अकेले भटकते हुए को किनारा सा मिल गया हो
नफ़रत के इस दिल को
बेपनाह मोहबब्त का नज़ारा सा मिल गया हो
टूटा था ,बिखरा भी था
तुम आई और लगा जैसे
टूटे बिखरे हुए दिल को ,समेटने वाला
एक हमसफ़र का साथ मिल गया हो
बेपनाह सी मोहब्ब्त हो गई है तुमसे
बेपनाह सी मोहब्ब्त।