संजीव कुमार द्वारा अभिनीत फिल्म कभी बेकार, फालतू या बकवास हो ही नहीं सकती
संजीव कुमार मतलब अभिनय का ग्रन्थ.....
बिमल मित्रा की एक इतिहासिक उपन्यास
*रानी बेगम मरियम* आज से लगभग बीस साल पहले पढ़ा था...उनकी लेखनी गहरी छाप छोड़ी थी उस उपन्यास के जरिए......
और शक्ति सामंत की फिल्म निर्देशक की छवि तो अविस्मरणीय है