लग रहा था मानो सब कुछ अपने साथ हो रहा या कभी हो चुका जिसको अपने आंखों से इतनी अच्छी एक्टिंग के रूप में फिर से महसूस का का मौका मिला है वो उम्मीदों का उतार चढ़ाव सब कुछ जानते हुए न जानने के नाटक करना, नाउम्मीदी के अंधेरे में उम्मीद के सहारे को टटोलना ,मेरी जिंदगी को एक सिख दे गई कि सबकुछ ,चांस पर नही किया जाता