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Harishankar Kaachhi
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गुनाहों का देवता हर प्रेमी के हृदय की पीर है, उसका आँसू है, उसकी अनंत और असमाप्त वेदना है!
Gunahon Ka Devta
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जब अपनी गर्दन दूसरों के पैरों तले दबी हो तो उन पैरों को सहलाने में ही कुशल है,, होरी
Godaan
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निर्मला मरते वक्त रूक्मणि से कहती है "दीदी मेरी बेटी को चाहे उम्र भर क्वांरी रखना या उसे विष दे देना पर किसी कुपात्र के गले न मढिंयेगा"
Nirmala
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