फ़िल्म में यदि हकीकत दिखाई जाती है तो यह निश्चित तौरपर समाज पूर्व औऱ आज के भारत देश की सच्चाई पूर्व के इतिहासकारों के साहित्य द्रोह व उस समय फैली कुरीतियो औऱ व्यक्ति विषेेश व्यवस्थाओ के बारे में लोगो के बीच से अनभिज्ञता व दुषप्रचार का प्रभाव कमजोर होगा।