रानी लक्ष्मीबाई के जीवन चरित्र को और जानना हो तो 'मणिकर्णिका 'फिल्म जरूर देखिए।
यह फिल्म झाँसी के रानी लक्ष्मीबाई के जीवन और 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ उनकी लड़ाई पर आधारित है।कैसे रानी लक्ष्मीबाई ने आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया था।आधुनिकता से परे यह ऐतिहासिक फिल्म हमें इतिहास से परिचय करवाती है।
बहुत ही सुंदर प्रदर्शन किया है"कंगना रनौत"ने।रानी का किरदार निभाने मेंं सफल रही है।आजादी के दौरान किस तरह लक्ष्मी बाई ने साहस ,पराक्रम का परिचय दिया,आशाहीन लोगों में आजादी की किस तरह अलख जगाई ,क्रांतिकारी समय में कैसे सहजतापूर्वक अंंग्रेजों के सामने अडिग रही,आदि कई पहलुओं को फिल्म में उजागर किया है।फिल्म में निर्देशक की भूमिका में भी कंगना रनौत थी।
फिल्म का गाना"मैं रहूं या ना रहूं भारत ये रहना चाहिए"सुनकर रोम-रोम में देशगौरव की भावना प्रबल होती है। किस तरह पुराने जमाने में लोग अपनी स्वामी भक्ति का परिचय देते थे।रानी का सहृदय सम्मान करते थे।रानी भी प्रजा की सेवा को ही अपना धर्म व कर्त्तव्य मानती थी।