पूरी feelings शादी से पहले और बाद में केवल संस्कृति की आड़ में सात फेरे और मंत्रो के लिए जद्दोजहद
यार जब सब कुछ हो ही जा रहा और मान ही ले रहे तो फिर ये फेरो और मंत्रो की क्या जरूरत वो भी मान ही लो
शादी एक पवित्र बंधन है जिसे स्वीकार करने के लिए आज कल पहले शादी के बाद वाले काम कर लो फिर उसके बाद बंधो
अजीब हाल है
सही है
आज युवा अभी नही समझ रहा
लेकिन समझेगा एक दिन
जब उसके आगे के युवा बिना शादी के बच्चे पैदा करके लाएंगे और वो भी आगे सब कुछ अपनी ही करेंगे और वो कुछ नही।कर पाएंगे
जमाना एक बार फिर से जानवर प्रवृत्ति की ओर अग्रसर है