50 बार देखी आगे 1000 बार देखूंगा ...आहा ..अगर कई दिनों से ह्रदय की धुलाई नहीं हुई है तो इस मूवी को देख कर तीर्थ करलें ...और ह्रदय को पवित्र करले ..आज के दौर के लिए रामायण से कम नहीं ...ये चलचित्र एक आदर्श मार्मिक ह्रदय स्पर्शी और स्वर भाव रास से ओत प्रोत ....प्रेम विश्वास दोस्ती त्याग दर्द और रिश्तो की अहमियत को नस नस में घोलती दो दोस्तों की कहानी ...मोहम्मद रफ़ी साहब को दंडवत प्रणाम अपनी मखमली और दर्द भरी आवाज़ ने दिल भर दिया और आखे भी ...कथा पटकथा निर्देशन राजश्री हमेशा संस्कारो सभ्यता और मानव मन की संवेदनाओ को पटल पैर उकेरता है संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलालजी कोटि कोटि प्रणाम सभी क्षेत्र 100/100 5* जीवन में प्राण भर दिए