बहूत ही अच्छा मैसेज दिया है फ़िल्म के माध्यम से, एक मध्यमवर्गीय परिवार जो हमेशा समाज के डर से घुट घुट के जीवनयापन करता है और सारी उम्र समाज को दिखावे में ही लगा रहता है, खुलकर जीने और आजादी से ही डरता है और अपने बच्चों की जिंदगी का ठेकेदार भी समाज को ही बना देता है। मुझे कॉफी हद तक ये हर उस आम आदमी से जुड़ी हुई कहानी लगी जो आज भी सामाजिक भेड़चाल में लगा हुआ है। लोगो को दिखावे के लिए विवाह/जन्म/मृत्यु में अनावश्यक खर्च / भेदभाव आदि आदि बहुत सी कुरीतियां है जिनका निवारण किया जाना आवश्यक है।
यूँ तो सभी कलाकारों ने अपनी अपनी जगह बेहतरीन काम किया है पर फिर भी राजन मोदी जी ( संजय शर्मा) और कीर्ति जी ( साशा ) के अभिनय ने मुझे बहुत प्रभावित किया।