यह किताब स्त्री जीवन को इतने यथार्थपरक तथ्यों द्वारा प्रस्तुत करती है कि इसे पढ़ते समय व्यक्ति और कुछ सोच नहीं पाता बल्कि एक तरह से इसमें डूब जाता है और डूबने के पश्चात ही तर जाया जाता है...यह उपन्यास स्त्री संघर्ष का समाधान प्रस्तुत करता है और व्यष्टि-समष्टि को भलीभांति उजागर करता है ।