कैथेराइन मायो मेरी नज़र में एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि एक एंबेसडर थीं. उन्होंने "मदर इंडिया" नामक पुस्तक लिखकर भारतीयों विशेषकर भारतीय नारियों के लिए एक बहुत बड़ा उपकार किया है. हम उनके इस मानवीय कार्य की बार बार प्रसंशा करते हैं. उनके इस कृतित्व का सम्मान करते हुए उनके भौतिक रूप में उपस्थित न होते हुए उस भूमि को नमन करते है जहां वो पैदा हुई तथा दफ़न हुई.
असीम श्रद्धांजलि! राम दुलार कुशवाहा, झूंसी, इलाहाबाद-२११०१९.