हिंदी सिनेमा का एक शानदार सिग्नेचर । जिसमे कहानी के जरिये समाज की कुरीतियों ओर मानव मन की थाह लेने का हुनर है । एक दशक में पैरेलेल सिनेमा ने भारतीय सिनेमा को वाकई "रिच" किया है यानी सम्रद्ध किया है । इस तरह से कहानी कहने की एक निर्देशकीय समझ है ।मेरी फेवरेट में से एक