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सच को नकारती मूवी है फ़िल्म समाज का आईना होती है लेकिन इसे बनाते हुए निर्दशक ने पक्षपात और झूठ से काम लिया है ये आईना नही नफरत को बढ़ाने वाली और दर्द को देने वाली पिक्चर है ये समाज का आईना नही फ़िल्म जगत का कलंक है