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अपनी कमज़ोरियों का ज़िक्र किसी से ना करना,
ज़माने में लोग कटी पतंग को जमकर लूटा करते हैं ।
Durgamati
Review·4y
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"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥"
अर्थात: कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म के फल पर कभी नहीं... इसलिए कर्म करो, फल की इच्छा मत रखो।
जीवन में इस एक श्लोक ने मुझे बहुत प्रेरणा दी है।