4-4 राइटर लोग मिल कर भी 1 ढंग की फ़िल्म नही लिख पाए ।
घर से भागी हुई लडक़ी को एक अजनबी बचाता है । सौ साल से घिसी पिटी स्टोरी । हिन्दू साधू है जो कि धर्म के नाम पर जादू टोना और मार काट करता है । ये है भट्ट कैंप का सबसे प्रिय विषय । राज और पता नही कितनी सारी फिल्मों में बस यह दिखाते हैं कि घर भर में अंधेरा है जादू टोना चल रहा है और एक हिन्दू स्वामी ये सब कर रहा है । वो स्वामी ढोंगी होगा या हिजड़ा होगा यही सब ये बनाता है । भगवान नही होता। संजय दत्त की बकवास । आदित्य रॉय कपूर जो कि या तो बेवड़ा होता है या सनकी । आलिया भट्ट जिसको एक्टिंग के नाम पे हर फिल्म में नथुने हिला में रुला दिया जाता है । यही है फ़िल्म की टट्टी कहानी । महेश भट्ट की एक और टट्टी है ये फ़िल्म ।
रही बात स्टार की तो एक स्टार भी देना स्टार की बेइज़त्ति ही है ।