वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली….
सारी गली उनके पीछे निकली…
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से……….
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली………
उस जैसा मोती पूरे समंद्र में नही है,
वो चीज़ माँग रहा हूँ जो मुक़्दर मे नही है,
किस्मत का लिखा तो मिल जाएगा मेरे ख़ुदा,
वो चीज़ अदा कर जो किस्मत में नही है…