हमने बहुत समय बाद माधुरी जी की वजह से इस फिल्म को देखना चाहा पर निराशा ही हाथ लगी ।समय और पैसो की बर्बादी।आखिर कहना क्या चाहते है करण जौहर समझ से परे।खुद भी confuse है और दूसरो को भी कर रहे हैं ।
मेरे तो समझ नही आ रहा कि इतने बड़े बड़े कलाकार क्या पटकथा भी नहीं पढ़ते ठीक से।