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ताज़ा अशआर
जिसका दाँव लगा है सीधा चौपट पर वो जीत गया
इश्क़ में बाज़ी जीती किसने ऋषि मुनि भी हार गए हैं
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इश्क़ किया था जिस दिन हमने पहले दिन था सोच लिया
जब सिर डाला है ऊखल में तो मूसल से फिर डरना क्या
पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"