बहुत ही बढ़िया सीरियल है। वरुण ब्दोला और स्वेता तिवारी का रोल अत्यंत खूबसूरत है। बल्कि स्वेता तिवारी की मां के रोल में जो किरदार है उसकी भाषा अत्यंत हूं बेहूदा है। चांद पर एक भद्धा दाग़ लगाने के बराबर है। ये किरदार ना हो तो ये सीरियल और अच्छा हो सकता है। इस किरदार की भूमिका में लेखक का मानसिकता संकीर्ण लगती है।अच्छा होगा कि स्वेता की मां का किरदार या तो ना हो या उस किरदार की भाषा में सुधार आना चाहिए ।