कहानी छोटी है, पर प्रभाव बहुत छोड़ती है । उनके लिए जो राजनीति में तो है पर अपने बाप दादाओं की जागीर से । हो सकता है कि उन्हे ये चित्रण कुछ ठिक ना लगा हो, पर घाव तो जरूर लगा होगा ।
शिक्षा एक ऐसी वस्तु है जिसे आज कल हमारे देश में व्यापार बना दिया गया है, पर ऐसा हथियार भी है जो अगर किसी के गर्दन को छु भी ले तो सर को जमीन से उठाना भी कभी-कभी मुश्किल परता है ।
दसवीं अपने साथ कई कहानी को दिखाती है, जो हमें ये सिखलाती है कि, अगर चीजें सीखनी या सिखाने है तो अच्छी चीजें सीखें और सिखाये, ना कि वो चीजें जिसमें सच्चाई तो है पर वो सिर्फ नफरत ही दे सकता है और कुछ नहीं ।