हर भारतीय नागरिक को यह फ़िल्म अवश्य देखनी चाहिए। इतिहास में किया गया हर बलिदान बहुत ही दुःखद व दर्दनाक होता है। यह फ़िल्म बहुत करीब से इस बात का एहसास कराती है कि बड़े बड़े पदों पर कार्यरत होने के बावजूद भी इंसान हैवानियत के सामने कितना मजबूर होता है। एक विशेष अपील।। फ़िल्म को आज के परिपेक्ष में नहीं बल्कि 1989-90 के दौर की सुख सुविधाओं और तत्कालीन परिस्थितियों से खुद को जोड़ते हुए अवश्य देखें।