पंचायत की सबसे खूबसूरत बात ये है कि अपनी सादगी से ये दिल मे उतरती चली जाती है। अभिषेक की कहानी ऐसे बहुत से नौजवानों की कहानी है। आजकल जिस तरह वेब सीरीज में बेवजह ठूंस ठूंस कर गाली गलौज और खून खराबा परोसा जा रहा है, उन सबके बीच पंचायत बिल्कुल अलग चमकती है। इसे मेरी माँ ने भी देखा और बहुत पसंद किया। गांव से जुड़ा होने के कारण मैं उत्तर प्रदेश की ग्रामीण जनजीवन से भली भांति परिचित हूँ। एक और बात जो इसे अपनी जैसी बाकी वेब सीरीज से अलग करती है वह यह है कि इसमें गांव को बेवजह ग्लैमरस दिखाने के बजाय उसे बिल्कुल उसके असली रूप में दिखाया गया है। ये देखकर एक जुड़ाव से महसूस होता है। बड़े बड़े पर्दों पर जिस तरह से ग्रामीण भारत की छवि को बढ़ावा मिल रहा है, वह दिल को सुकून देता है। सभी कलाकार धुरंधर है। रघुबीर जी, नीना जी और अन्य कलाकारों ने अपने किरदारों को जीवंत कर दिया है, जो दर्शकों के दिलो दिमाग पर वेब सीरीज खत्म होने के बाद भी छाए रहते हैं।