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एक जीवित कहानी जिसे हम पढ़ते वक्त और पढ़ने के बाद भी जीते है। मैं कभी प्रयाग गया नही पर इस किताब के माध्यम से प्रयाग घूम आया। ये उन किताबों में है जो घटनाओं के साथ साथ हसाती रुलाती हर उस भावनाओ का अनुभव कराती जो प्रेम में या वियोग में अनुभव होता है।