'स्वातंत्र वीर सावरकर'*
√ स्वातंत्र वीर सावरकर' एक ऐसी सिनेमेटिक यात्रा है जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली और विवादास्पद व्यक्तित्वों में से एक, श्री विनायक दामोदर सावरकर के जीवन संघर्षों को जीवंत प्रस्तुत करती है।
√ अपने इंग्लैंड में छात्र जीवन से लेकर भारत वापस आने और यहां स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने तक के उनके सफर को इसमें दर्शाया गया है।
√ उनके चरित्र के माध्यम से, दर्शक इस अप्रतिम नायक के योगदान और कथित यथार्थों को एक नए दृष्टिकोण से देख पाते हैं।
अंडमान के सेल्युलर जेल में कैदियों के साथ होने वाले अमानुषिक अत्याचार देख कर रोंगटे खड़े हो जाते है और मन गहन पीढ़ा से भर जाता है।
शुरू में महेश मांजरेकर के निर्देशन में बननी वाली इस फिल्म का निर्देशन सृजनात्मक मतभेद के चलते, मूलतः हरियाणवी रणदीप हुड्डा ने संभाला।
सावरकर के किरदार में रणदीप हुड्डा की अप्रतिम अभिनय प्रतिभा, निर्देशन और निर्माण में उनकी भूमिका ने इस शक्तिशाली फिल्म में जान फूंक दी है। उन्होने इस विषय पर उपलब्ध समस्त साहित्य का गहन अध्ययन और अनुसंधान किया और सावरकर जी के चरित्र को आत्मसात करने के लिए अपना वजन लगभग 30 किलो तक कम किया।
अंकिता लोखंडे (यमुना बाई), राजेश खेड़ा (गांधी), अमित सियाल (भाई) जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों ने अपने किरदारों को सच्चाई से निभाया है।
√ यह चित्रपट "स्वतंत्र वीर सावरकर" को देरी पर प्रकाश डालती है जिसे हमेशा नजरअंदाज किया गया।
√ इस फिल्म को सभी वर्गों द्वारा सपरिवार देखना चाह