यह साहित्य के संदर्भ में लिखा गया ,एक डायरी है जो दो मित्रो के आपसी वार्तालाप की पुष्टि है ।।
केशव योग्य लेखक व बुद्धिवान है साथ ही लेखक पाठक का किरदार निभा रहा है ,वह तदाम्यता or तन्मयता के परस्पर संवाद जो or भी प्रबल दिखाई पड़ते है इस कृति को योग्य बनाने हेतु।!
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