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आधुनिक रोजमर्रा की द्वन्द्वात्मक जिजीविषा की कथायात्रा.......
स्त्री-पुरूष संबंधो का खोखलापन ,पारिवारिक विघटन,परम्परागत मूल्यों का अस्वीकार ,जीवन के विविध चरित्रों का सशक्त चित्रांकन नाटक को सफल बनाता है।
Aadhe Adhure
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प्रेमचंद का साहित्य मनुष्यता की धरोहर है।किसान जीवन की ही नहीं वरन् सभी वर्ग की समस्याओं के प्रति गहराई और गंभीरता रचनाकर्म में दिखाई देती है
जीवन की नयी परिभाषा गढ़ने वाला ये साहित्यकार समाज और आम आदमी के हर कोने में बेधड़क हस्तक्षेप करता है।राष्ट्र हित मेंं समस्या व समाधान प्रस्तुत करता है।