विषय : फिल्म समीक्षा
"राॅकी और रानी की प्रेम कहानी"
कुछ दिन पहले यह फिल्म मैंने अपने परिवार के साथ देखी। करण जौहर द्वारा निर्मित इस फिल्म से मुझे मनोरंजन के अलावा कुछ अधिक उम्मीद नहीं थी।
इस फिल्म ने मेरी अपेक्षाओं से ऊपर उठकर मनोरंजन के मध्य मद्धम स्वर में पुरुषों की गरिमा,स्त्रियों की गरिमा, देश-काल के नए नियमों के अनुसार खुद को ढालने की जद्दोजहद जैसे मुद्दों को भी उठाया गया है।
परंतु,मेरा सबसे पसंदीदा भाग रहा जहाँ उन्होंने एक कत्थक नर्तक को अपनी कला के प्रति लगन और समर्पण के लिए घर और समाज में विरोध और अवमानना झेलते हुए दिखाया है।इस संदर्भ में कुछ पंक्तियाँ प्रस्तुत हैं:
दुनिया घूमने देखने से
मेरे ज्ञान का फलक
बड़ा होता है
तो
अपनी कलाओं को
जानने से
मेरी सोच की दुनिया
बड़ी होती है।
करण जौहर को अर्थपूर्ण मनोरंजन का माध्यम वनने के लिए बहुत बहुत बधाई 🙏👏👏