संघर्ष की पराकाष्ठा का अदभुत चित्रण, अत्यंत ही सरल शब्दों का प्रयोग........
सचमुच मनोज सर आपकी यह किताब आपके जीवन की सच्चाई को कितने सरल शब्दों में बताती है और आपकी यह किताब पढ़कर एक उत्साह सा भर गया है और अभ्यास के द्वारा जीवन मे हम भी आप जैसा ही बनना चाहतें हैं।☺