ग़ज़ब की फ़िल्म है... दिमाग की नसें खोल देती है। आखिर में ये सोच कर सीट से उठना पड़ा कि एक दो बार और देखनी पड़ेगी। लाल बहादुर शास्त्री जी की मौत के लिए कौन जिम्मेदार हो सकता है, ये सब जानते हैं लेकिन फ़िल्म में बिना कुछ कहे जो सबूत सामने रखे गए हैं, वो बताते हैं कि स्क्रिप्ट तैयार करने में बेहद मेहनत की गई है...