लक्ष्मी बोम्ब इस फ़िल्म में हिन्दू धर्म और संस्कृति का बहुत ही घटिया मजाक बनाया और उड़ाया गया है।
ये PK फ़िल्म से भी ज्यादा खराब मूवी है।
📌इसमें लव जिहाद को बढ़ावा दिया गया है।
📌हिंदुओं के परिवार में माँ बाप को शराब पीते दिखाया गया है।
📌हिन्दू रीति रिवाज को बेकार ठगी का काम बताया गया है।
📌मंदिर के सामने लड़की के साथ बत्तमीजी और मारपीट दिखाया गया है।जिसमे ये बताना चाहता है कि मंदिर बहुत ही घटिया जगह है।
📌मूर्ति को पूजने वालों को धूर्त बताया है।
📌👆ऊपर जितना भी बात की गई है उसके उलट मुस्लिम पंत को इससे बेहतर बताया गया है जैसे- मुस्लिम लड़का अच्छा होता है, नमाज पढ़ना बेहतर है,मौलवी धूर्त नही है, मुस्लिम शराब नही पीते,आदि।
इसको बनाने वाला मुसलमान ही है।
इस फ़िल्म को गर्त में भेजना है।