ज़िन्दगी के एक ऐसे मुकाम को इस फ़िल्म में आपने दरसाया जो इंसान को बेबस कर दे। जब कोई वजह नहीं तो ये भी फर्क नहीं पड़ता कि मौत कब आएगी, प्रन्तु कोई ऐसी वजह मिल जाये कि जब किसी के लिये जीने को, उस पर सब कुछ फनाह कर देने को दिल कहे । अब हमें पता चले के हम चन्द लम्हों के मेहमान है, तो मन में बस एक ही सवाल आता है, भगवान मेरे साथ ही क्यों ऐसा किया मै ही क्यों? क्यों? यही जीवन की सच्चाई इस फ़िल्म में बहुत ही अच्छे ढंग से पर्दे पर उतारी गई हैं जो बहुत ज्यादा heart पहुंचाती हैं।