शुध्दोहम् ज्वेलर्स के द्वारा बहोत बहोत बधाई एवं शुभकामनायें ।
खुद का अनुभवों को प्रत्यक्ष जाणता हूँ की मैं जीवात्मा अनादी अनंत शाश्वत सत्य हूँ ।द्रव्यदृष्टी अपनाई तो सच्चे परम आनंदकी अनुभूति हैं ।शुभोपयोग के द्वारा पुण्य का हिसाब किताबकी जरूरी है रास्ता एकमात्र उद्देश्य को जमकर खुद का अनुभवों को भी कहना चाहीऐ जाणणा ही विश्वास है ।धर्म्यध्यान से ही पूर्णतः अनुभूति होती हैं जीवात्मा अनादी अनंत शाश्वत सत्य अनादी अनंत शाश्वत सत्य कीं अनुभूति, मुक्तिबोध और सच्चे आनंदकी अनुभूति ।जैनभूगोल के द्वारा ही असंख्यात प्रदेशी नीज ध्रुव निश्चय से मैं हूँ ।आप भी हो हैं ही तो बाराभावना के द्वारा आत्मचिंतन धर्म्यध्यान की बातौको भी कहना चाहीऐ जाणणा ही विश्वास है ।जयजिनेन्द्र जी ।