ये फिल्म सिर्फ हिंदुत्व को बदनाम करने के प्रोपेगेंडा के तहत बनाई गई है।
जिस वकील के जीवन पर आधारित फिल्म है वो भी इस फिल्म के खिलाफ है, और खुद भी रेप का आरोपी भी है।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म कोरी कल्पना है जो हिंदुत्व और उसके रक्षक संतो पर सीधा कुठाराघात है। यह हिंदू विरोधी ताकतों की मानसिकता की कोरी कल्पना से ज्यादा कुछ भी नहीं है।