यह फ़िल्म नही है बल्कि आज हिन्दू युवक युवतियों के लिए सिख है जो अपने महान धर्मो को छोड़ दूसरे सम्प्रदाय के विचारों से सहमत हो उनके साथ होने चले जाते हैं।
पृथ्वीराज चौहान के 18 बार प्राण दान देने के बाद भी उनका सर उतार सकता है उसे आप कैसे अपना सकते हैं।