घायल हुए लफ्ज़, था बेदर्दी ये जहां
ज़ख्म गहरे छोड़कर, ढूंढे अब सुकून कहां।💔🌹
The tragedy of Kashmir has deep roots.
Painful Stories...🙏🌹
ज़ालिम वक्त ने भी क्या ख़ूब कहर ढाए,
अहिंसा की डोर ने भी खूनी मंज़र दिखाएं,
सत्ता की डोर थामे फ़िर मुंग्रेज ही आए,
ये हिमाकत ना होती, जो होते नेताजी के साए,
भूली बिसरी क्यूं ना याद करे, जहां पंचतंत्र है गाएं,
शिवा सरस्वती पतंजलि योग सुत्र इसी धरा ने पाएं।
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