यार फ़िल्म केसरी की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।आखिर बॉलीवुड के मनोज कुमार ने हमे, गुलामी के दौर में भारतीय सेनिको के सर्वोच्च बलिदान के इतिहास से रूबरू करवाया। वरना ज्यादातर लोग इसे महत्व नही देते है। रही बात फ़िल्म की तो भाई में कुछ कहने लायक नही बचा हु। बस 10 मे से 09 नंबर बिना दिमाग लड़ाये दे सकता हु। जो लोग इसमें भी अपनी जात ओर मजहब देख रहे है। अब उन्हें तो में कुछ कह नही सकता। मुझे ये विशुद्ध, बेहतरीन फ़िल्म लगी है और ऐसा कुछ नही है। आप जरूर जाए और फील करे अपने इतिहास और फ़िल्म को।