रिश्ते हैं तो कुछ उम्मीदें भी होगी
उम्मीदें हैं तो कभी हताशा भी होगी
उलझा सा महसूस होगा ही कुछ अक्सर
समझ- समझ की दूरियां भी निश्चित ही होगी
लेकिन फिर...
सुलझाने की पहल और नजर भी तो आखिर अपनी ही होगी ....
रिश्तों की खूबसूरती को सहेजता और महकता गुलदस्ता #वागलेकीदुनिया
सारिका आशुतोष मूंदडा