कर्म और भाग्य,
लोग कहते हैं कि ईश्वर सबका भाग्य लिखता है, यदि ऐसा होता तो परमात्मा सबका भाग्य बहुत अच्छा लिखता और दुनिया में किसी को दुख नहीं होता , ऐसा नहीं है ईश्वर ने हर किसी को कर्म रूपी एक ऐसी कलम दी है जिसके द्वारा वह अपना भाग्य खुद लिख सकता है...
राधा स्वामी जी